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SCO मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने किया भारत का रुख स्पष्ट

काबुल पर तालिबान के कब्‍जे के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अफगानिस्‍तान पर पहली प्रतिक्रिया आई है। दुशांबे में हुई SCO के सदस्‍य देशों की बैठक में वर्चुअली हिस्‍सा लेते हुए मोदी ने भारत का रुख स्‍पष्‍ट किया। उन्‍होंने अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय से कहा कि तालिबान सरकार को मान्‍यता देने में जल्‍दबाजी न की जाए। मोदी ने कहा कि सत्‍ता-परिवर्तन ‘समावेशी’ नहीं है और बिना बातचीत के हुआ है। मोदी ने कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि अफगानिस्‍तान की जमीन का इस्‍तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए न हो। उन्‍होंने सीमापार आतंकवाद और आतंकी फंडिंग पर नजर रखने के लिए एक कोड ऑफ कंडक्‍ट बनाने की बात की।

मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) और सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद के 21वें शिखर सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्‍होंने अफगानिस्‍तान को मान्‍यता देने के मसले पर संयुक्‍त राष्‍ट्र की महती भूमिका की वकालत की। मोदी ने कहा कि जो नई सरकार बनी है, उसमें सभी समूहों का प्रतिनिधित्‍व नहीं है तथा अल्‍पसंख्‍यकों और महिलाओं को जगह नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि पहला मुद्दा अफगानिस्तान में सत्ता-परिवर्तन का है, जो ‘समावेशी’ नहीं है और बिना वार्ता के हुआ है। उन्होंने कहा, ‘इससे नई व्यवस्था की स्वीकार्यता पर सवाल उठते हैं। महिलाओं और अल्पसंख्यकों सहित अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व भी महत्वपूर्ण है।‘

मोदी ने SCO बैठक में तालिबान को मान्‍यता के मुद्दे से इतर, अस्थिरता और कट्टरवाद से पैदा हुए आतंकवाद, ड्रग-तस्‍करी, अवैध हथियारों और मानवीय संकट को भी रेखांकित किया। मोदी ने कहा कि भारत अफगानिस्‍तान की मदद करने को तैयार है और इस दिशा में किसी क्षेत्रीय या वैश्विक पहल का समर्थन करेगा। मोदी ने कहा, ‘अन्य उग्रवादी समूहों को हिंसा के माध्यम से सत्ता पाने का प्रोत्साहन भी मिल सकता है। इससे ड्रग्स, अवैध हथियारों और मानव तस्करी का अनियंत्रित प्रवाह बढ़ सकता है। बड़ी मात्रा में आधुनिक हथियार अफगानिस्तान में रह गए हैं और इनके कारण पूरे क्षेत्र में अस्थिरता का खतरा बना रहेगा।‘

पीएम मोदी ने कहा कि सीमापार आतंकवाद और आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने के लिए आचार संहिता होनी चाहिए। उन्‍होंने चेताया कि अगर अफगानिस्तान में ‘अस्थिरता और कट्टरवाद’ बना रहेगा तो इससे पूरे विश्व में आतंकवादी और अतिवादी विचारधाराओं को बढ़ावा मिलेगा। मोदी ने कहा कि SCO के सदस्य देशों को इस विषय पर एक सख्त और सभी के लिए नियम कायदे बनाने चाहिए और वह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग का हिस्सा भी बन सकते हैं।

मोदी का यह बयान ऐसे वक्‍त में आया है नई तालिबान सरकार से भारत की बातचीत की खबरें आ रही हैं। भारत ने तालिबान के एक बड़े नेता के साथ दोहा में मुलाकात की घोषणा की थी। तालिबान ने कभी सार्वजनिक रूप से नहीं कहा कि बैठक भारतीय राजदूत के साथ थी। मान्‍यता के मसले पर भारत अपनी स्थिति को रूस से अलग नहीं देखता, जो तालिबान के साथ काम करते हुए भी उसकी सरकार को मान्‍यता देने की जल्‍दबाजी में नहीं है। रूस यह देखेगा कि तालिबान आतंकवाद और ड्रग-तस्‍करी को लेकर अपने वादे पर खरा उतरना है या नहीं।

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