Thursday, December 12, 2024
14.1 C
Delhi
Thursday, December 12, 2024
- Advertisement -corhaz 3

सरकार की वैक्सीन पॉलिसी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाये कड़े ऑर्डर

सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार से वैक्सीन की खरीद को लेकर सख्त सवाल पूछे हैं. कहा है कि कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक वी जैसी कोरोना वैक्सीन की खरीद के बारे में पूरा डेटा कोर्ट को उपलब्ध कराएं. सारे कागजात के साथ बताएं कि वैक्सीन को लेकर सरकार की पूरी पॉलिसी क्या है.

देश में कोरोना संकट पर नियंत्रण पाने के लिए टीकाकरण अभियान जारी है, लेकिन कई जगहों पर वैक्सीन की कमी की वजह से सेंटर बंद करने पड़े हैं. टीकाकरण को लेकर मामला अब देश की सबसे बड़ी अदालत में है. सुप्रीम कोर्ट ने 2 जून को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से कोरोना टीकाकरण नीति के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी. जवाब दाखिल करने के लिए 2 हफ्ते का वक्त दिया है.

वैक्सीन के बारे में सबकुछ बताएं

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि वैक्सीन कब-कब खरीदी गईं? टीकाकरण अभियान के पहले तीन चरणों में पात्र व्यक्तियों के मुकाबले टीका लेने वाली आबादी का क्या प्रतिशत रहा? इसमें एक डोज और दोनों डोज ले चुके लोगों को बारे में बताने के लिए कहा है. टीका लगवाने वाली शहरी आबादी की तरह ग्रामीण आबादी के प्रतिशत के साथ आंकड़े मांगे हैं. सरकार से वैक्सीन खरीद को लेकर सिलसिलेवार जानकारी देने को कहा गया है. इन 3 कंपनियों के टीकों के लिए केंद्र सरकार को तीन चीजें बतानी होंगी. पहली, सभी खरीद के आदेशों की तारीखें. दूसरी, हर तारीख के अनुसार ऑर्डर किए गए टीकों की संख्या. और तीसरी, टीका मिल जाने की अनुमानित तिथि क्या थी.

सबको टीका लगाने की क्या योजना है?

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, एलएन राव और एस रविंद्र भट की स्पेशल बेंच ने सरकार से यह भी पूछा कि आखिर देश की पूरी आबादी को टीका लगाने की उसकी योजना क्या है? फेस 1, 2 और 3 के जरिए केंद्र सरकार बाकी बचे लोगों का टीकाकरण कैसे और कब करना चाहती है?

कोर्ट ने ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमायकोसिस के इलाज में काम आ रही दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की भी जानकारी मांगी. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हलफनामा दाखिल करते समय सरकार सुनिश्चित करे कि यह पता लगे कि वैक्सीन पॉलिसी को लेकर उसकी पूरी सोच क्या है. इसके लिए सभी संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां और फाइल नोटिंग्स के बारे में भी बताएं. इसीलिए हलफनामा दाखिल करने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया गया है

हाईकोर्ट ने कहा, हत्या का केस चले

एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से तीखे सवाल पूछे तो दिल्ली हाईकोर्ट ने भी वैक्सीन मामले को लेकर सख्त टिप्पणी की. 2 जून को हुई सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि फिलहाल देश को वैक्सीन की आपात जरूरत है. ऐसे में इस पूरी प्रक्रिया को तेज किया जाना चाहिए था. कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि कोरोना वैक्सीनेशन के प्रोसेस को धीमा करने के लिए किसी को तो हत्या जैसे अपराध का दोषी मानना ही पड़ेगा. जस्टिस मनमोहन और नाजिम वजीरी की बेंच ने कहा कि

आप वैक्सीन के अभाव में होने वाली मौतों के लिए किसी को क्या जवाब देंगे. जरूरी स्रोतों को दबाकर बैठे अधिकारियों पर ‘हत्या’ का केस चलना चाहिए. पूरे देश में इसे लेकर गंभीर बेचैनी है. हर किसी को वैक्सीन चाहिए. आपको इस प्रक्रिया को छोटा करके किसी भी हाल में वैक्सीन उपलब्ध करानी होगी.

बता दें कि देश भर के राज्य वैक्सीन की कमी से जूझ रहे हैं. कई जगह लोग अपनी दूसरी डोज़ के लिए परेशान हैं तो कई जगह 18 साल से ऊपर वालों के लिए वैक्सीन उपलब्ध ही नहीं है.

More articles

- Advertisement -corhaz 300

Latest article

Trending