Saturday, July 27, 2024
31.1 C
Delhi
Saturday, July 27, 2024
- Advertisement -corhaz 3

यंग इंडिया मामला: आयकर अभिकरण ने गांधी परिवार के खिलाफ 800 करोड़ की अचल वाणिज्यिक संपत्ति को रखा बरकरार|

आयकर अभिकरण ने गुरुवार को गांधी परिवार के खिलाफ 800 करोड़ से अधिक की अचल वाणिज्यिक संपत्ति के मामले को बरकरार रखा है। यह मामला गांधी परिवार द्वारा पांच लाख रुपये की शेयर कैपिटल वाली कंपनी यंग इंडिया बनाने और कोलकाता की एक शेल कंपनी से हवाला के माध्यम से एक करोड़ रुपये की रकम से जुड़ा है। मामले की शुरुआत 26 फरवरी 2011 को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटिड (एजेएल) के शेयरों के अधिग्रहण के साथ चर्चा में आया था।

समाचार पत्र प्रकाशन के लिए हुआ एजेएल का गठन

एजेएल का गठन एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के तौर पर 20 नवंबर 1937 को भारतीय कंपनी अधिनियम, 1913,के अंतर्गत विभिन्न भाषाओं में समाचार पत्रों को प्रकाशन के लिए किया गया था। एजेएल ने अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज समाचार पत्र प्रकाशित करने शुरू किए थे। इस मामले में आयकर विभाग की कार्रवाई और एसेसमेंट आदेश को गांधी परिवार द्वारा दो बार याचिका दाखिल कर दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। हालांकि कोर्ट ने दोनों याचिकाएं निरस्त कर दी थीं। आयकर अधिकारियों द्वारा 249.15 करोड़ रुपये का टैक्स लगाए जाने के आदेश पर आयकर आयुक्त अपील (सीआइटी ए) छह दिसंबर 2018 को मुहर लगा चुका है।

बता दें, एजेएल की वाणिज्यिक परिसंपत्तियों का अधिग्रहण यंग इंडिया का गठन होने के तीन माह के भीतर कोई टैक्स और स्टैंप ड्यूटी चुकाए बिना ही पूरा कर लिया गया था। 27 दिसंबर, 2017 के एक आदेश में आयकर विभाग ने इस ‘धोखाधड़ी वाले सौदे’ में गांधी परिवार को उपार्जित (एक्रूड) 414.40 करोड़ के लाभ पर 249.15 करोड़ रुपये का टैक्स निर्धारित किया था। यंग इंडिया ने इस सीआइटी (ए) के आदेश को आयकर अपीलीय अभिकरण में चुनौती दी। इसकी दूसरी अपील का अभिकरण ने 31 मार्च 2022 को निस्तारण किया। इसमें अभिकरण ने मूल्यांकन अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी के गांधी परिवार को उपार्जित लाभ की रकम 395 करोड़ करने के फैसले को बरकरार रखा। इससे गांधी परिवार को 17 करोड़ रुपये की कमी के रूप में थोड़ी राहत मिली।

बता दें, सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर नेशनल हेराल्ड मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी मनी लांड्रिंग के प्रविधानों के तहत कर रहा है। इस संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो और ईडी तत्कालीन हरियाणा सरकार पर एजेएल को गैरकानूनी तरीके से अचल संपत्ति आवंटित करने के आरोप लगा चुके हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किया जा चुका है। केंद्र व राज्य सरकार ने बहुत मामली कीमत में एजेएल को अहम स्थानों पर अखबार के प्रकाशन के लिए संपत्तियों का आवंटन किया था।

More articles

- Advertisement -corhaz 300

Latest article

Trending