बीते कुछ दिनों से मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। रोज मिल रहे नए मरीजों में कोरोना के तीव्र लक्षण न होने से इन्हें अस्पतालों में भर्ती करने की नौबत नहीं आ रही है। यही वजह है कि कोविड अस्पतालों में 89 फीसद बेड खाली हैं, लेकिन घरों के बेड हल्के लक्षणवाले कोरोना मरीजों से फुल होते जा रहे हैं। महज 16 दिन में होम आइसोलेशन मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है।
बता दें कि सितंबर की शुरुआत से ही मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। बीएमसी इसकी वजह बढ़ी हुए टेस्टिंग बता रही है। आजकल बीएमसी रोज 40 हजार से अधिक लोगों की टेस्टिंग कर रही है। बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने बताया, ‘रोज मिलने वाले मरीजों में से 80 फीसद मरीज बिना लक्षणवाले रहते हैं। बाकी 20 फीसद मरीजों में से आधों को ही बेड की जरूरत होती है। इसीलिए कोविड अस्पतालों में बेड खाली हैं।’
बीएमसी डैश बोर्ड के मुताबिक, कोविड समर्पित अस्पतालों के 18,490 बेड में से 11 फीसद पर ही मरीज भर्ती हैं। ऑक्सिजन के 6,825 बेड, आईसीयू के 857 बेड और आईसीयू के 1,630 बेड खाली हैं। अस्पतालों की इस हालत के विपरीत घर की स्थिति है।
हल्के लक्षणवाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने से होम आइसोलेशन का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। 16 दिन पहले यानी 22 अगस्त को मुंबई में होम आइसोलेशन के मरीजों की संख्या 31,521 थी। यह 7 सितंबर को बढ़कर 61,959 हो गई। इस तरह करीब आधे महीने में होम आइसोलेशन मरीजों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है।
कोरोना महामारी के मद्देनजर शुक्रवार से शुरू होने वाले गणेशोत्सव को देखते हुए मुंबई पुलिस ने धारा 144 लागू कर दी है। यह 19 सितंबर तक जारी रहेगी। मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी एस. चैतन्य ने बताया, ‘गणेशोत्सव के दौरान उमड़ने वाली संभावित भीड़ को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर 5 से अधिक लोगों के जमा होने पर पाबंदी लगाई गई है।’
पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले ने विडियो संदेश जारी कर मुंबईकरों से सादगी से गणेशोत्सव मनाने की अपील की है। नगराले ने कहा, ‘गणपति पंडालों में कोविड के दोनों डोज लगाए हुए 5 लोगों को पूजा-अर्चना के लिए और गणपति विसर्जन के दौरान 10 लोगों को जाने की छूट दी गई है। पूजा पंडालों, भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों और अन्य जगहों पर सादी वर्दी और वर्दी में पुलिस मुस्तैद रहेगी।’ उन्होंने चेतावनी दी कि कानून-व्यवस्था भंग करने या कोविड दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर दोषियों के खिलाफ धारा 188 (महामारी ऐक्ट) के तहत कार्रवाई की जाएगी।