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मणिपुर में हालात बिगड़ने के बहाने पाकिस्तान और आईएसआई समर्थित आतंकी संगठन ने एक समुदाय को खुले समर्थन देने की कही बात |

मणिपुर में वायरल वीडियो के बहाने पाकिस्तान के आतंकी संगठनों ने माहौल बिगड़ने की साजिश रचनी शुरू कर दी है। पाकिस्तान और आईएसआई समर्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा समेत उसके सहयोगी आतंकी संगठन पीपल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने मणिपुर में हुए इस विवाद के बाद वहां के एक समुदाय को अपना खुला समर्थन देने का एलान कर दिया है। इसे लेकर खुफिया एजेंसियों ने सतर्कता बरतते हुए मणिपुर में और चौकसी बढ़ा दी है। खासतौर से मणिपुर के बॉर्डर इलाकों में ज्यादा सतर्कता बढ़ती जा रही है। इसके अलावा मणिपुर में जिन दो समुदायों के बीच में विवाद चल रहा है, उनके बीच मौजूद संदिग्ध लोगों को भी तलाशने का अभियान जारी है। रक्षा मामलों से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि दरअसल पाकिस्तान के आतंकी संगठनों की दिलचस्पी के बाद मणिपुर में अब जल्द ही इस पूरे मामले को जल्द ही सुलझाया जाना अब बेहद जरूरी हो गया है।

मणिपुर के एक समुदाय को पाकिस्तानी आतंकियों ने बनाया निशाना

खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के तीन प्रमुख आतंकी संगठनों ने मणिपुर में वायरल हुए वीडियो के बाद अपनी सक्रियता बढ़ाकर मणिपुर के युवाओं को निशाना बनाना शुरू किया है। जानकारी के मुताबिक खुफिया एजेंसियों के पास पाकिस्तान के लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद और पीपल्स एंटी फासिसस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) की मणिपुर में वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद हुई बातचीत का पूरा ब्यौरा डिकोड हुआ है। खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक आतंकी संगठनों ने मणिपुर में दो समुदायों के बीच हो रहे विवाद में वहां के एक समुदाय के लोगों को भड़का कर माहौल खराब करने की योजना बनाई है। इसके लिए आतंकी संगठनों ने कश्मीर का वही खेल खेलने की पूरी रणनीति तैयार की है, जो उनको सीमा पार से आईएसआई और पाकिस्तानी सेना की ओर से इशारे मिलते हैं। सूत्रों का कहना है कि खुफिया एजेंसियों के पास बीते 24 घंटे के भीतर तीन बार हुई बातचीत का पूरा कच्चा चिट्ठा मिला है।

हिंदू और ईसाई की पिच पर माहौल खराब करने की बनाई साजिश

खुफिया जानकारी के मुताबिक आतंकी संगठन पीपल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट के आतंकवादी तनवीर अहमद ने बाकायदा मणिपुर के वीडियो के बाद हिंदू और ईसाई के आधार पर साजिश को आगे बढ़ाना शुरू किया। सूत्रों का कहना है तनवीर अहमद ने इस दौरान कुकी और मैतेई को पाकिस्तान के इशारे पर हिंदू मुस्लिम की तरह बांटकर अपने एजेंडे को बढ़ाने की साजिश रची। इस दौरान आतंकी तनवीर अहमद ने अपने बयान में मणिपुर के हालातों में एक विशेष समुदाय को समर्थन देने का एलान किया। फिलहाल इस पूरे मामले में खुफिया एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि पूरे मामले और पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। उनका कहना है कि इस पूरे मामले में जो भी दोषी हैं, उनकी गिरफ्तारियां शुरू की जा चुकी हैं। जिम्मेदार एजेंसियों और कानून व्यवस्था पर नजर रखने वाले अधिकारियों का कहना है कि मणिपुर में पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।

खुफिया मामलों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जिस तरीके की साजिश रची है, फिलहाल उसके बाद उनकी सतर्कता और बढ़ गई है। सूत्रों का कहना है कि मणिपुर में चल रहे विवाद के दौरान पाकिस्तान के आतंकी संगठनों की साजिश की भनक खुफिया एजेंसियों को पहले लग चुकी थी। यही वजह थी कि जब पाकिस्तान के तीन प्रमुख आतंकी संगठनों ने देश में माहौल खराब करने की कोशिश की, तो वह तुरंत पकड़ में आ गए। जानकारों का कहना है कि इस पूरे मामले में सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि चीन समेत वह पड़ोसी मुल्क भी साजिश रच रहे हैं, जो अवैध कारोबार करके मणिपुर के लोगों को भड़काते हैं। गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मणिपुर में पाकिस्तान के आतंकी संगठनों की ओर से माहौल खराब किए जाने के इनपुट के बाद स्थानीय स्तर पर न सिर्फ खुफिया एजेंसिया की सक्रियता बढ़ी है, बल्कि बॉर्डर मणिपुर को जोड़ने वाले राज्यों में भी सक्रियता बढ़ाई गई है।

रक्षा मामलों से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि मणिपुर में चल रहे विवाद के पीछे विदेशी ताकतों और उनके सहयोगी संगठनों के हाथ होने का शक तो पहले से ही था। लेकिन जिस तरीके से पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के सहयोगी आतंकी संगठन पीएएफएफ ने मणिपुर के एक विशेष समुदाय को संपर्क करके माहौल खराब करने की कोशिश की है, उससे पाकिस्तान की मंशा साफ झलक रही है। रक्षा मामलों के जानकार ब्रिगेडियर एसएन तनेजा कहते हैं कि जिस तरीके से आतंकी संगठनों ने मणिपुर में अपनी सक्रियता दिखाते हुए इस वीडियो के बाद माहौल खराब करने की रणनीति बनाई है, वह फिलहाल तो खुफिया एजेंसियों के रडार में पकड़ी गई। लेकिन इस घटना से पहले कितने लोगों से आतंकी संगठनों ने संपर्क किया होगा, इसे देखा जाना बेहद जरूरी है। ब्रिगेडियर तनेजा कहते हैं कि यह पहला मौका नहीं है, जब पाकिस्तान या चीन की ओर से मणिपुर में माहौल खराब करने की जानकारी सामने आई हो।

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