कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान के ब़़ढते दायरे के साथ ही इसकी रफ्तार भी ब़़ढ रही है। तीन जनवरी से इस अभियान के दायरे में 15 से 18 वर्ष के किशोरों को भी लाया गया था और मात्र 12 दिन में ही इस आयुवर्ग के करीब 43 प्रतिशत किशोरों को कोरोना रोधी वैक्सीन की पहली डोज लगा दी गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविन पोर्टल के शुक्रवार रात 23:30 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 15 से 18 वर्ष तक के कुल 3.24 करोड़ से अधिक किशोरों को टीके की पहली डोज लगाई गई हैं। इस आयुवर्ग के किशोरों की कुल अनुमानित आबादी लगभग 7.5 करोड़ है।
किशोरों में शुरू से ही टीकाकरण को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस महीने तक इस आयुवर्ग के सभी किशोरों को पहली डोज दे दी जाएगी। अगर सभी पात्र आयुवर्ग के टीकाकरण की बात करें तो अब तक 156.02 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी हैं।
इनमें 90.56 करोड़ पहली, 65.08 करोड़ दूसरी और 37.02 लाख सतर्कता डोज भी शामिल हैं। 65.08 करोड़ दूसरी डोज का मतलब है कि अब तक 65 करोड़ से अधिक लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। 10 जनवरी से सतर्कता डोज स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर और गंभीर रोगों से ग्रस्त 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को लगाई जा रही है।
वयस्कों और बच्चों पर समान रूप से प्रभावी है कोवैक्सीन: भारत बायोटेक
स्वदेशी वैक्सीन उत्पादक कंपनी भारत बायोटेक ने दावा किया है कि उसका कोरोना रोधी टीका वयस्कों और बच्चों दोनों पर समान रूप से प्रभावी है। कंपनी कोवैक्सीन के नाम से कोरोना रोधी वैक्सीन बनाती है। हैदराबाद स्थित कंवपर भारत बायोटेक ने कहा है कि उसकी वैक्सीन अब वयस्कों और बच्चों के लिए सार्वभौमिक वैक्सीन बन गई है।
कंपनी ने कोरोना वायरस के खिलाफ एक वैश्विक वैक्सीन विकसित करने के लक्ष्य को हासिल कर लिया है। लाइसेंस के लिए सभी उत्पाद विकास को पूरा कर लिया गया है। इससे पहले कंपनी ने दावा किया था कि उसकी वैक्सीन कोरोना के डेल्टा और ओमिक्रोन दोनों वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है।
भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि पहले के अध्ययन में भी पाया गया था कि कोवैक्सीन सार्स–सीओवी–2 के अल्फा, बीटा, डेल्टा, ओमिक्रोन, जेटा और कप्पा वैरिएंट को बेअसर करने में सक्षम है।