बिहार में बेगूसराय के रहने वाले लेफ़्टिनेंट ऋषि कुमार अपनी बड़ी बहन की शादी में 22 नवंबर को घर आने वाले थे लेकिन ऐसा हो नहीं पाया.
उनकी बहन तृप्ति की शादी (29 नवंबर) से ठीक एक महीने पहले 29 अक्टूबर को उनकी जम्मू में एक आकस्मिक विस्फोट में जान चली गई.
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे के ठीक बाद जम्मू अनुमंडल के नौशेरा के कलाल इलाक़े में माइन फटने से लेफ़्टिनेंट ऋषि कुमार की मौत हो गई थी.
ऋषि कुमार की दो बड़ी बहनें हैं, मेजर दीप्ती रंजन और तृप्ति.
ऋषि कुमार की शिक्षा
ऋषि कुमार ने बेगूसराय के सेंट पॉल्स स्कूल से मैट्रिक और पटना के सेंट जोसेफ़ हाई स्कूल से इंटर की पढ़ाई की थी.
इसके बाद उन्होंने पुणे से मेकैनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी.
लेकिन इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाने के बजाए उन्होंने सीडीएस की परीक्षा दी और दिसंबर, 2020 में भारतीय सेना में शामिल हो गए.
26 साल के ऋषि कुमार 17वीं सिख लाइट इंफ़ैंट्री रेजिमेंट में थे.
कमीशंड अधिकारी बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग दिल्ली में हुई थी और पिछले तीन महीने से वे जम्मू में ही अपनी सेवा दे रहे थे.
ऋषि कुमार की बड़ी बहन दीप्ती रंजन और उनके पति अमित कुमार दोनों भारतीय सेना में मेजर रैंक के अधिकारी है.
अमित कुमार इस समय जम्मू और कश्मीर के डोडा में तैनात हैं.
लेफ़्टिनेंट ऋषि कुमार का घर बेगूसराय के पिपरा जीडी कॉलेज रोड पर है. उनके पिता राजीव रंजन सिंह लकड़ी का व्यापार करते हैं और माँ सविता देवी गृहिणी हैं.
घटना के बाद घर में मातम पसरा है और माँ का रो-रोकर बुरा हाल है.
ऋषि कुमार के बहनोई मेजर अमित कुमार कहते हैं, “परिवार और देश के लिए यह बहुत बड़ी क्षति है. माइन फटने से आप एक प्रशिक्षित युवा खो देते हैं. अब अगली पीढ़ी को निर्णय करना है कि वो सेना में जाएगी या नहीं.”
रविवार की रात लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार का पार्थिव शरीर वायुसेना के विशेष विमान से पटना लाया गया जहाँ सेना के जवानों द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया.
इसके बाद मेजर अमित कुमार, चाचा शशि रंजन और मामा सुदर्शन सिंह की उपस्थिति में पार्थिव शरीर को देर रात बेगूसराय ले जाया गया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिवंगत लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार के लिए शोक प्रकट किया है और कहा कि इस घटना से वे दुखी हैं.
उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ बेगूसराय के सिमरिया घाट पर सोमवार को किया गया.