कश्मीर में आए दिन आतंकियों द्वारा निर्दाेष लोगों की हत्याएं करने से स्थानीय लोगों में खासा गुस्सा है। आतंकियों से निपटने के लिए कई जगह लोगों ने खुद ही अपने जत्थे बनाना शुरू कर दिए हैं। ये जत्थे अपने इलाके में सक्रिय आतंकियों और उनके ओवरग्राउंड वर्करों को न सिर्फ चिन्हित करेंगे बल्कि खुद ही उन्हें घेरकर हिसाब भी चुकता करेंगे।
खुफिया एजेंसियों ने इस संदर्भ में सभी सुरक्षा एजेंसियों और नागरिक प्रशासन को एक अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट में कहा गया है कि कश्मीरी अब आतंकियों के खिलाफ कानून को अपने हाथ में भी ले सकते हैं। वह किसी क्षेत्र विशेष में आतंकियों के खिलाफ अभियान शुरू करने के लिए सुरक्षा बलों का इंतजार नहीं करेंगे। इसलिए प्रशासन सतर्क रहे।
खुफिया एजेंसियों की ओर से जारी अलर्ट में कहा गया है कि कश्मीर के लोगों ने पंजाब की आतंकी हिंसा से सबक लेते हुए यह कदम उठाया है। 1980 और उसके बाद के कुछ वर्षों के दौरान पंजाब में कई जगह ग्रामीणों ने आतंकियों से निपटने के लिए अपने गुट बना रखे थे। ये गुट न सिर्फ गांव में पहरा देते थे बल्कि आतंकियों को देखते ही अन्य ग्रामीणों को सचेत करते हुए उन पर टूट पड़ते थे।
कश्मीर में बीते एक वर्ष के दौरान जिस तरह से पाकिस्तान के इशारे पर आतंकियों ने निर्दाेष नागरिकों को निशाना बनाना शुरू किया है, उससे कश्मीर में लोग पूरी तरह आतंकियों के खिलाफ हो गए हैं। खुफिया एजेंसियों ने बताया कि वादी के बहुत से लोग अक्सर सर्दियों में पंजाब जाते हैं। इसके अलावा कश्मीर के बहुत से छात्र पंजाब के विभिन्न शहरों में पढ़ाई कर रहे हैं। इन लोगों की जब पंजाब में लोगों से कश्मीर के हालात पर बातचीत होती है तो अक्सर पंजाब के लोग आतंकियों के खिलाफ आम लोगों की भूमिका का जिक्र करते हैं। इससे कश्मीरियों में खुद आतंकियों से लड़ने की भावना प्रबल हुई है।
एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने अपना नाम न छापने पर बताया कि खुफिया एजेंसियों का अलर्ट एकदम सही है। उन्होंने कहा कि शनिवार को बड़गाम में एक एसपीओ (स्पेशल पुलिस आफिसर) और उसका भाई आतंकी हमले में बलिदान हुआ है। अगले दिन रविवार को पूरे इलाके में लोगों में जो गुस्सा था, उसे ठंडा करने में प्रशासन को पसीने आ गए। रेल सेवा को एहतियात के तौर पर बंद करना पड़ा। कई इलाकों में निषेधाज्ञा लगानी पड़ी, क्योंकि डर था कि गुस्साए ग्रामीण उन लोगों पर हमला न कर दें जो आतंकी हिंसा के समर्थक रहे हैं या अभी भी समर्थक हैं।
गुस्साए लोगों ने आतंकियों को दे रखी है चेतावनी : वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर, बड़गाम, कुलगाम और अनंतनाग में कुछ जगहों पर ग्रामीणों ने आतंकियों के खिलाफ अपने गुट बनाए हैं। इन गुटों में नौजवानों से लेकर बुजर्ग तक शामिल हैं। ये लोग उलेमाओं और मौलवियों से भी संपर्क में हैं। हमें जानकारी मिली है कि कुछ जगहों पर इन लोगों ने आतंकियों व उनके समर्थकों के लिए खुली चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगर उनके इलाके में किसी को तंग किया या मारा तो उन्हें संगसार (पत्थरों से मारना) किया जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो कानून व्यवस्था का संकट पैदा हो सकता है।
हत्यारों को मारना गुनाह नहीं : कुलगाम के एक युवक ने अपना नाम न छापने पर कहा कि निर्दाेष लोगों की हत्या करने वाले को मारना कोई गुनाह नहीं है। यहां पाकिस्तान के इशारे पर इस्लाम और आजादी के नाम पर आए दिन निर्दाेष नागरिकों का कत्ल हो रहा है, यह तभी रुकेगा जब ऐसे लोगों को उनकी ही जुबान में जवाब दिया जाएगा।
कहा, कब तक पुलिस और सेना से मदद लेते रहेंगे : अख्तर हुसैन नामक एक बुजुर्ग ने कहा कि मैंने भी ऐसे गुटों के बारे में सुना है। मैं नहीं जानता कि कौन लोग ऐसा करने जा रहे हैं, लेकिन जो करने जा रहे हैं, वह सही कर रहे हैं। कब तक हम पुलिस और सेना से मदद लेते रहेंगे।
आतंकियों को पकड़कर मारने की योजना, पुलिस की स्थिति पर नजर : जम्मू कश्मीर पुलिस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि हमें पिछले दो तीन माह से सूचना मिल रही है कि कुछ जगहों पर कश्मीरी नौजवानों ने अपने गुट बनाए हैं। ये लोग उनके क्षेत्र में गड़बड़ी फैलाने वाले आतंकियों को पकड़कर मारने की भी योजना बना रहे हैं। हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं।