भारत गुरुवार को आयोजित 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअल तरीके से इसमें शामिल होंगे। यह संयोग है कि भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता उसकी 15वीं वर्षगांठ पर कर रहा है। शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो भी भाग लेंगे।
इस शिखर सम्मेलन का विषय निरंतरता, समेकन और सहमति के लिए ब्रिक्स के बीच सहयोग है। परंतु, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे और उस क्षेत्र से पैदा हुए आतंकी खतरे पर भी इसमें चर्चा होगी। सूत्रों ने बताया कि बैठक में अहम वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत होगी। इसमें अफगानिस्तान भी प्रमुख रूप से होगा।
ब्रिक्स नेताओं द्वारा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और अफगानिस्तान की जमीन का आतंकी संगठनों द्वारा इस्तेमाल करने से रोकने की प्राथमिकता को रेखांकित किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि ब्रिक्स देशों द्वारा मानवीय स्थिति से निपटने और महिलाओं, बच्चों एवं अल्पसंख्यकों सहित मानव अधिकारों को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देने की संभावना है।
ब्रिक्स पांच देशों का संगठन है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। यह दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इससे पहले, उन्होंने 2016 में गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी।
बैठक में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष मार्कोस ट्रायजो, ब्रिक्स व्यापार परिषद के अस्थायी अध्यक्ष ओंकार कंवर और ब्रिक्स महिला व्यापार गठबंधन की अस्थायी अध्यक्ष संगीता रेड्डी भी शामिल होंगी। भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार की थी। ये हैं बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार, आतंकवाद का मुकाबला, एसडीजी हासिल करने के लिए डिजिटल और तकनीकी साधनों का इस्तेमाल और लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाना।