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प्रधानमंत्री मोदी आज करेंगे बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुलाक़ात | रेलवे, विज्ञान समेत कई मामलों में होगी चर्चा |

आज शेख हसीना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। इस दौरान दोनों देशों के बीच आपसी रिश्ते और व्यापार को नई ऊंचाइयां देने के लिए कुशियारा नदी जल बंटवारे समेत जल प्रबंधन, रेलवे, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी समेत सात समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना दोनों देशों के बीच रिश्तों को और अधिक विस्तार देने के लिए चार दिवसीय दौरे पर सोमवार को भारत पहुंचीं। यात्रा के पहले दिन नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर संग बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की। हसीना मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी। 

बांग्लादेश के साथ नदी जल बंटवारे समेत सात समझौतों पर लगेगी मुहर
मंगलवार को शेख हसीना और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। इस दौरान दोनों देशों के बीच आपसी रिश्ते और व्यापार को नई ऊंचाइयां देने के लिए कुशियारा नदी जल बंटवारे समेत जल प्रबंधन, रेलवे, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी समेत सात समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। दौरे के एजेंडे में रक्षा सहयोग बढ़ाना, क्षेत्रीय परिवहन संपर्क मजबूत करना और दक्षिण एशिया में स्थायित्व के लिए प्रयास करना भी शामिल है।

1.42 लाख करोड़ है दोनों  देशों के बीच व्यापार
दोनों देशों का जोर आपसी व्यापार बढ़ाने के लिए जल, रेल और हवाई संपर्क बढ़ाने पर है। बीते पांच साल में द्विपक्षीय व्यापार में सौ फीसदी की वृद्धि हुई है और यह नौ अरब से 18 अरब डॉलर यानी करीब 1.42 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। परिवहन संपर्क बढ़ा कर भारत की योजना अगले दो-तीन वर्षों में निर्यात को 30 अरब डॉलर तक पहुंचाने की है। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2020 के 9.69 अरब डॉलर की तुलना में वित्त वर्ष 2021 में भारत ने बांग्लादेश को 16.15 अरब डॉलर का निर्यात किया है।

चिकित्सा क्षेत्र में अहम संभावना
भारत बांग्लादेश का चिकित्सा हब बन रहा है। इलाज के लिए पड़ोसी देश की पहली पसंद भारत है। बीते साल कोरोना काल में 2.3 लाख बांग्लादेशी लोगों ने मेडिकल वीजा हासिल कर भारत में इलाज कराया। मेडिकल वीजा के उलट दूसरे वीजा पर महज 50 हजार लोग ही भारत आए। चिकित्सा क्षेत्र के इस महत्व को देखते हुए भारत बांग्लादेश के लिए कुछ अहम घोषणा कर सकता है।

रोहिंग्या मामले में हस्तक्षेप का आग्रह
बांग्लादेश ने रोहिंग्या मामले में पीएम मोदी से व्यक्तिगत स्तर पर पहल करने की उम्मीद जताई थी। अब द्विपक्षीय वार्ता में शेख हसीना रोहिंग्या की घर वापसी के लिए भारत से अनुरोध करेंगी। मानवीय आधार पर रोहिंग्या मुसलमानों की मदद करना बांग्लादेश के लिए अब सिरदर्द बन गया है। करीब डेढ़ लाख रोहिंग्या शरणार्थी इस समय बांग्लादेश में हैं। इनमें से कई गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं।

तीस्ता जल बंटवारे पर भी आगे बढ़ेगी बात
शेख हसीना-पीएम मोदी की बैठक में बीते एक दशक से भी अधिक समय से लंबित तीस्ता जल बंटवारा समझौते पर भी बात आगे बढ़ेगी। दौरे से पूर्व दोनों देशों के संयुक्त नदी आयोग की 38वीं मंत्रिस्तरीय बैठक में बांग्लादेश की ओर से इस समझौते के लिए विशेष आग्रह किया गया है। पश्चिम बंगाल सरकार के विरोध के कारण यह समझौता अमल में नहीं आ पा रहा है।

राज्यमंत्री दर्शना जरदोश ने अगवानी की
दिल्ली पहुंचने पर कपड़ा और रेल राज्यमंत्री दर्शना जरदोश ने बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना की अगवानी की। मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह दौरा दोनों देशों के बहुआयामी रिश्तों को और मजबूती देगा।

शेख हसीना को मजबूत बनाए रखना चाहता है भारत
बांग्लादेश और शेख हसीना कूटनीतिक दृष्टि से भारत के लिए बेहद अहम हैं। हसीना और उनकी पार्टी आवामी लीग के भारत से ऐतिहासिक रूप से बेहतर संबंध रहे हैं जबकि मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसकी मुखिया खालिदा जिया का रुख भारत विरोधी रहा है। जिया के सत्ता में रहते बांग्लादेश भारत विरोधी गतिविधियों का केंद्र बन गया था। हालांकि शेख हसीना के प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों देशों के रिश्ते बेहतर हुए हैं। पूर्वोत्तर की उग्रवाद से जुड़ी समस्या सुलझाने में बांग्लादेश ने भारत की लगातार मदद की है। इसलिए भारत हसीना की कुर्सी मजबूत बनाए रखना चाहता है।

बांग्लादेशी पीएम के साथ विदेश मंत्री का न आना बनी चर्चा
शेख हसीना के साथ बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉक्टर एके अब्दुल मेमन नहीं आए हैं। इसके पीछे उनके बीमार होने को कारण बताया गया है। हालांकि मीडिया में इस आशय की खबरें आईं हैं कि उन्हें हाल में दिए गए कुछ अनावश्यक बयानों के कारण प्रतिनिधिमंडल से हटा दिया गया।

मेनन ने रविवार की दोपहर शेख हसीना के दौरे के बारे में मीडिया से बात की थी और उनका नाम भारत आने वालों में शामिल था। बताया जाता है कि चटगांव में एक जन्माष्टमी कार्यक्रम में मेमन ने कहा था, अपने भारत दौरे में मैंने उन्हें (भारतीय नेतृत्व) कहा था कि शेख हसीना को हर हाल में सत्ता में बनाए रखना होगा। मेमन के इस बयान की राजनीतिक दलों, नागरिकों  में सख्त आलोचना हुई थी।

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