कोरोना महामारी की तीसरी लहर को लेकर कई तरह के क़यास लगाए जा रहे हैं. विशेषज्ञों की एक टीम भी कोरोना महामारी को लेकर चेतावनी दे चुकी है. ऐसे में सावधानी के साथ-साथ टीकाकरण अभियान को भी तेज़ करने के प्रयासों पर बल दिया जा रहा है.
इसी क्रम में राहत देने वाली ख़बर यह है कि अब बच्चों को भी वैक्सीन दी जाएगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को कहा कि अगस्त महीने से किशोरों को टीका दिया जा सकता है.
दैनिक हिंदुस्तान की ख़बर के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भाजपा की संसदीय दल की बैठक के दौरान उन्होंने टीके से जुड़ी यह जानकारी दी. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि बच्चों को कौन सी वैक्सीन दी जाएगी. इस बैठक में मंडाविया ने कहा कि सरकार अगले महीने से बच्चों को वैक्सीन देना शुरू कर देगी.
मंगलवार देर शाम हुई प्रेस कॉन्फ़्रेंस में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया था कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और ज़ायडस कैडिला के टीके समेत कुछ अन्य टीकों का परीक्षण भी चल रहा है.
उन्होंने कहा कि जैसे ही इन टीकों के पर्याप्त और सही परिणाम मिलेंगे, विशेषज्ञों के निर्णय के आधार पर बच्चों में टीकाकरण की शुरुआत कर दी जाएगी. नीति आयोग के अध्यक्ष वीके पॉल ने कहा कि बच्चों के टीके पर कोवैक्सीन शोध कर रही है. ज़ायडस ने डेटा दिया हुआ है. इन दोनों पर फ़ैसला होना है. पिछले दिनों एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि सितंबर तक बच्चों का टीकाकरण शुरू हो जाएगा.
देश में अभी तक कुल 44 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं. क़रीब 7.2 फ़ीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ मिल चुकी है.
इससे पूर्व द लांसेट ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि 11 से 17 साल के बच्चों के साथ रहने पर बुज़ुर्गों में संक्रमण का ख़तरा 18 से 30 फ़ीसद तक बढ़ जाता है.
रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर वयस्कों को वैक्सीन लग जाती है तो बच्चों के शिकार होने की ही आशंका रहेगी.
भारत में फ़िलहाल भारत बायोटेक, ज़ायडस कैडिला और फ़ाइज़र के टीकों को बच्चों के लिए अपनाये जाने पर विचार किया जा रहा है.