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कांग्रेस संगठन में बदलाव की सुगबुगाहट, कर्नाटक में सुरजेवाला की मौजूदगी से अटकलें तेज

कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी और कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला सोमवार को कर्नाटक दौरे पर हैं, जहां वे बंगलूरू में पार्टी विधायकों के साथ बैठक करेंगे। सुरजेवाला के इस दौरे को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। अनुमान जताया जा रहा है कि कर्नाटक कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव हो सकते हैं। हैरानी की बात ये है कि कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर को भी नहीं पता कि रणदीप सुरजेवाला कर्नाटक क्यों आ रहे हैं।

जी परमेश्वर से जब रणदीप सुरजेवाला के कर्नाटक दौरे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘मुझे नहीं पता कि रणदीप सुरजेवाला क्यों आ रहे हैं। वे शायद पार्टी संगठन को लेकर बात कर सकते हैं। जिला पंचायत और तालुका पंचायत चुनाव होने हैं, ऐसे में हो सकता है कि वे इन्हें लेकर चर्चा करें। हमारी पार्टी में जब अंदरुनी मतभेद उभर आते हैं तो कई बार हाईकमान हस्तक्षेप करता है और ये उनका काम है।’ गौरतलब है कि कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा गाहे-बगाहे होती रहती है। डीके शिवकुमार और सीएम सिद्धारमैया के बीच ढाई-ढाई साल के फार्मूले की भी खूब चर्चा हुई। यही वजह है कि रणदीप सुरजेवाला के कर्नाटक दौरे को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है और मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अब डीके शिवकुमार राज्य के नए सीएम बन सकते हैं।

रणदीप सुरजेवाला के दौरे और पार्टी में बदलाव की चर्चाओं को लेकर जब सीएम सिद्धारमैया से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘हमारी सरकार पत्थर की तरह मजबूत है और पूरे पांच साल चलेगी। हम सभी साथ आएंगे। वह (सुरजेवाला) पार्टी संगठन को धार देने के लिए कर्नाटक आ रहे हैं और ये उनका काम है। सीएम ने कहा कि डीके शिवकुमार और मैं साथ हैं। सरकार पांच साल तक एकजुट है। भाजपा झूठ फैलाने के लिए जानी जाती है और वो यही कर रही है।’

कर्नाटक सरकार में मंत्री केएन राजन्ना ने भी हाल ही में अपने एक बयान में बड़े राजनीतिक बदलाव की बात कही। उन्होंने कहा कि ‘जहां तक कर्नाटक और राष्ट्रीय राजनीति का सवाल है, सितंबर के बाद इनमें बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। हम कर्नाटक के लोग सिर्फ सीएम, राष्ट्रपति और कैबिनेट में बदलाव के बारे में ही सोचते हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर, ये भी ध्यान रखना चाहिए कि जो 75 साल के हो गए हैं, वे सार्वजनिक पद पर नहीं हो सकते। यह भाजपा और संघ की नीति है। इस नीति के तहत देश को नया प्रधानमंत्री भी मिल सकता है।’ राजन्ना ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस पार्टी में भी बदलाव की मांग थी, कई लोग मंत्री बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ‘कर्नाटक कांग्रेस पार्टी और सरकार में भी बदलाव की मांग उठ रही है, कई लोग मंत्री बनना चाहते हैं, कई लोगों के अपने एजेंडे हैं और जिसके जो भी एजेंडे हैं, वो सितंबर के बाद आकार ले सकते हैं।’

कर्नाटक में नेतृत्व और संगठन में बदलाव की चर्चा के बीच कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन करना पार्टी हाईकमान के हाथ में है। उन्होंने कहा कि हाई कमान के मन में क्या है ये कोई नहीं जानता। हाईकमान को इसका पूरा अधिकार है, लेकिन किसी को भी बेवजह की परेशानी खड़ी नहीं करनी चाहिए।

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