इसराइल ने पेगासस स्पाइवेयर के दुरुपयोग के आरोपों की जांच के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया है.
पेगासस जासूसी सॉफ़्टवेयर के कई देशों में ग़लत इस्तेमाल की रिपोर्ट आने के बाद ये फ़ैसला लिया गया है. अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से ये ख़बर दी है.
इसराइली कंपनी ‘एनएसओ ग्रुप’ पेगासस स्पाइवेयर अलग-अलग देशों की सरकारों को बेचती है.
कंपनी के क्लाइंट्स की जिन लोगों में दिलचस्पी थी, उनसे जुड़े 50 हज़ार नंबरों का एक डेटाबेस लीक हुआ है और उसमें 300 से ज़्यादा नंबर भारतीय लोगों के हैं.
पेगासस का इस्तेमाल कर कई पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, नेताओं, मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों के फ़ोन की जासूसी करने का दावा किया जा रहा है.
भारत के अलावा फ़्रंस, मेक्सिको, मोरक्को और इराक़ में भी इसका इस्तेमाल होने की बात सामने आई है.
इसे देखते हुए इसराइल ने जांच के लिए मंत्रियों के एक समूह का गठन किया है. हालांकि, इस बात के आसार बहुत कम हैं कि स्पाइवेयर बेचने पर किसी तरह के नए प्रतिबंध लगाए जाएं.
अख़बार सूत्रों के हवाले से लिखता है, “इसका उद्देश्य ये जानना है कि क्या हुआ, मामला क्या है और उससे क्या सीख ली जा सकती है.”
मंत्रियों के इस समूह का नेतृत्व इसराइल की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख करेंगे. वो सीधे इसराइल के प्रधानमंत्री नेफ़्टाली बेनेट के प्रति उत्तरदायी होते हैं.
इस फ़ैसले को लेकर एनएसओ के प्रवक्ता ने कहा, “हम इसराइल की सरकार द्वारा लिए किसी भी फ़ैसले का स्वागत करते हैं और हम आश्वस्त हैं कि कंपनी की गतिविधियों में कोई गड़बड़ी नहीं है.”
छत्तीसगढ़ में होगी पेगासस मामले की जांच
पेगासस जासूसी मामले पर हो रहे हंगामे के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि वो राज्य में इस मामले की जांच कराएंगे.
अख़बार जनसत्ता के मुताबिक उन्होंने कहा कि उनके पास सूचना है कि बीजेपी सरकार के दौरान पेगासस बनाने वाली कंपनी के अधिकारी यहां आए थे और कुछ लोगों से संपर्क किया था.
राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है.
भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह से कहा कि वो बताएं कि एनएसओ के अधिकारियों की किनसे मुलाक़ात हुई थी और किस तरह का सौदा किया गया था.
उन्होंने कहा कि एनएसओ का कहना है कि वो केवल सरकार के साथ काम करती है तो भारत सरकार को बताना चाहिए कि उसके साथ सौदा हुआ है या नहीं.
मोहन भागवत का एनआरसी-सीएए पर बयान
अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार दो दिन के असम दौरे पर पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मुसलमानों की आबादी को लेकर बयान दिया है.
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में 1930 से योजनाबद्ध तरीक़े से मुसलमानों की संख्या बढ़ाने की कोशिश की गई है. इसके पीछे कोशिश थी कि जनसंख्या बढ़ाकर अपना प्रभुत्व बढ़ाएं और इस देश को पाकिस्तान बनाएं.
उन्होंने कहा कि भारत में बंगाल, असम और सिंध को पाकिस्तान बनाने की योजना थी. ये योजना पूरी तरह सफ़ल नहीं हो पाई, लेकिन विभाजन होकर पाकिस्तान बन गया.
इस दौरान मोहन भागवत ने एनआरसी-सीएए पर एक किताब भी लॉन्च की. इस मौके पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा भी मौजूद थे.
मोहन भागवत ने कहा कि आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि अल्पसंख्यकों का ध्यान रखा जाएगा और अब तक ऐसा किया गया है. हम भी ऐसा करते रहेंगे.
उन्होंने कहा कि एनआरसी-सीएए भारतीय मुसलमानों को कोई नुक़सान नहीं पहुंचाएगा. कुछ लोग राजनीतिक फ़ायदे के लिए इसे सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं.
एक महिला में मिले कोरोना के दो वेरिएंट
असम की एक महिला कोरोना के दो वेरिएंट से एकसाथ संक्रमित पाई गई है. दैनिक भास्कर अख़बार में ये ख़बर प्रकाशित हुई है.
महिला एक डॉक्टर हैं और असम के डिब्रूगढ़ में रहती हैं. वो वैक्सीन की दोनों डोज़ भी लगवा चुकी हैं.
अख़बार ने रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर डिब्रूगढ़ के सीनियर साइंटिस्ट डॉक्टर बीजे बोरकाकोटी के हवाले से लिखा है कि डबल इंफ़ेक्शन किसी अन्य मोनो-संक्रमण की तरह है. ऐसा नहीं है कि दोहरे संक्रमण से बीमारी गंभीर हो जाएगी. हम केस पर एक महीने से नज़र बनाए हुए हैं. मरीज़ बिल्कुल ठीक हैं.
जंतर-मंतर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन
अंग्रेज़ी अख़बार ‘द हिंदू’ के मुताबिक आज से दिल्ली के जंतर-मंतर पर कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन शुरू होने जा रहा है. ये प्रदर्शन नौ अगस्त तक मानसून सत्र ख़त्म होने तक चलेगा.
दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों के बीच पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन की जगह को लेकर चर्चा हो रही थी.
किसान संगठन संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी. अब विरोध प्रदर्शन जंतर-मंतर पर होने जा रहा है.
भारतीय किसान यूनियन (दकौंडा) के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा, “संसद ने ही इन क़ानूनों को पास किया है और इन्हें ख़त्म करने की ज़िम्मेदारी भी उनकी ही होगी. हमने सभी विपक्षी सांसदों को मतदाता व्हिप जारी किया है कि वो इस मसले को संसद में उठाएं तब तक हम जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करेंगे.”