घरेलू शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन लाल निशान पर खुला। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 194.65 अंक गिरकर 81,179.10 पर, जबकि निफ्टी 62.35 अंक गिरकर 24,654.25 पर आ गया।
भू-राजनीतिक और वैश्विक व्यापार मोर्चे पर अनिश्चितता के बीच मंगलवार को शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई। विदेशी फंड की निकासी ने भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 194.65 अंक गिरकर 81,179.10 पर आ गया। एनएसई निफ्टी 62.35 अंक गिरकर 24,654.25 पर आ गया।
सेंसेक्स की कंपनियों में अदाणी पोर्ट्स, लार्सन एंड टूब्रो, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल और हिंदुस्तान यूनिलीवर सबसे ज्यादा गिरावट में रहे। इटरनल, टाटा स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा और इंडसइंड बैंक हरे निशान पर बरकरार रहे। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 2,589.47 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘भू-राजनीति, टैरिफ और व्यापार में बहुत अधिक अनिश्चितता के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। इसलिए निवेशक गिरावट पर खरीदारी की रणनीति पर कायम रह सकते हैं।’ एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225 सूचकांक, शंघाई का एसएसई कंपोजिट सूचकांक और हांगकांग का हैंग सेंग सकारात्मक क्षेत्र में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार सोमवार को बढ़त के साथ बंद हुए।
प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले अमेरिकी मुद्रा में मामूली सुधार, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और विदेशी फंडों के बाहर जाने के बीच मंगलवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे गिरकर 85.49 पर आ गया। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति घोषणाओं से पहले अस्थिर घरेलू शेयर बाजारों ने भी भारतीय मुद्रा पर दबाव डाला। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 4 जून को अपनी अगली द्विमासिक नीति पर विचार-विमर्श शुरू करेगी और इसके परिणाम 6 जून को घोषित किए जाने हैं।