पाकिस्तान में मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पूर्व पीएम इमरान खान के बीच टकराहट एक बार फिर तेज हो गई है. पंजाब प्रांत के सीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से यह तनातनी तेज होती दिख रही है. गुरुवार को पीएम शहबाज शरीफ ने इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के विदेशी फंडिंग मामले में फैसला सुनाने में देरी करने पर पाकिस्तान के चुनाव आयोग को फटकार लगाई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शरीफ ने कहा कि लाडला (इमरान) की सुरक्षा किस तरह की जा रही है इसका यह बेहतरीन उदाहरण है.
‘8 साल बाद भी किया जा रहा बचाव’
एआरवाई न्यूज ने बताया कि शहबाज शरीफ सरकार ने गुरुवार को पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) से पीटीआई के विदेशी फंडिंग मामले पर जल्द फैसला सुनाने को कहा, जो 2014 से लंबित है. एक ट्वीट में पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि, “नवाज शरीफ को वेतन नहीं लेने के लिए दोषी ठहराया गया था, जबकि ‘लाडला’ इन सबसे अछूत है. आठ साल बाद भी उसके मामले में निर्णय अभी भी बचाव करने वाला है.”
2014 में विदेशी फंडिंग का लगा था आरोप
बता दें कि 2014 में पीटीआई के संस्थापक सदस्य अकबर एस बाबर ने आरोप लगाया था कि पार्टी को विदेशी धन प्राप्त हुआ था. ईसीपी ने 21 जून को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसके अतिरिक्त इमरान खान ने विदेशी फंडिंग मामले को रोकने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में 9 याचिकाएं दायर कीं और 50 स्थगन प्राप्त किए.
शहबाज के मंत्री ने भी किया हमला
इस हमले में पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह भी कूद गए. एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, “पीटीआई के वकीलों ने कार्यवाही के दौरान 9 रिट याचिकाएं दायर करके 8 साल तक देरी करने की रणनीति का सहारा लिया, लेकिन अब जबकि निर्णय पहले से सुरक्षित है तो इसे सुनाने में देरी समझ से बाहर है.” शहबाज शरीफ ने पिछले हफ्ते भी पीटीआई के खिलाफ विदेशी फंडिंग न के मामले में लंबे समय से लंबित फैसले की घोषणा करने के लिए पाकिस्तान के चुनाव आयोग से मुलाकात की थी.